Jawaharlal Nehru Death Anniversary: नेहरू के अंतिम घंटे, बाथरूम में हुई मौत का रहस्य! नेहरू के अंतिम समय की अनसुनी कहानी

Jawaharlal Nehru Death Anniversary: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का निधन 27 मई 1964 को हुआ था। लेकिन उनकी मौत को लेकर कई सवाल उठे थे। यह जानना जरूरी है कि उनके आखिरी कुछ घंटे कैसे बीते। क्यों उनकी मौत की खबर घंटों तक छुपाई गई और क्या सच में वे रात को बाथरूम में ही तो नहीं मरे थे।
स्वास्थ्य की बिगड़ी हालत
जनवरी 1964 में भुवनेश्वर में उन्हें हार्ट अटैक आया था। इसके बाद उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ था। इसलिए वे स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण देहरादून गए थे। 26 मई को शाम को वे अपनी बेटी इंदिरा गांधी के साथ दिल्ली लौटे। तब उनकी हालत बेहद कमजोर थी और उन्हें पैरों, पीठ और कंधों में दर्द हो रहा था।
बाथरूम में मौत की दुविधा
कुलदीप नय्यर की किताब ‘बियॉन्ड द लाइंस’ के अनुसार नेहरू की मौत 27 मई की रात बाथरूम में हुई थी। उनके डॉक्टर केएल विग ने कहा था कि उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाना चाहिए था लेकिन वे बाथरूम में अकेले थे। लगभग एक घंटा वे बेहोशी की हालत में वहीं पड़े रहे जो एक बड़ी लापरवाही थी।
सरकारी बयान और मीडिया रिपोर्ट्स
सरकारी बयान में बताया गया कि सुबह 6:30 बजे नेहरू को पहली बार पक्षाघात और फिर हार्ट अटैक आया। इंदिरा गांधी ने तुरंत डॉक्टरों को बुलाया। तीन डॉक्टर पहुंचे और कोशिश की लेकिन नेहरू का शरीर कोमा में था और उन्होंने सांस नहीं ली। कई घंटों के प्रयास के बाद डॉक्टरों ने हार मान ली।
संसद की प्रतिक्रिया और शोक
27 मई को लोकसभा की विशेष सत्र बुलाई गई थी। उस दिन स्टील मंत्री कोयम्बटूर सुब्रमण्यम राजसभा में आए और कहा कि ‘रोशनी चली गई’। लोकसभा तुरंत स्थगित कर दी गई और गुलजारी लाल नन्दा को कार्यवाहक प्रधानमंत्री घोषित किया गया। विदेशी मीडिया ने भी लिखा कि नेहरू 8 घंटे कोमा में रहे लेकिन बचाए नहीं जा सके।